दोस्तो क्या आपने कभी सोचा है कि एक आग की भट्टी में जाना कैसा होगा? कैलिफोर्निया, अमेरिका की डेथ वैली यानी मौत की घाटी में आपका स्वागत है। यहां का तापमान 54.4 डिग्री सेल्सियस (130 डिग्री फॉरेन्हाइट) तक पहुंच सकता है, जो कि स्टेक यानी मीट के अंदर के तापमान जितना ही गर्म है।
डेथ वैली में इतनी गर्मी है कि आप बिना स्टोव के एक अंडे को फ्राई कर सकते हैं। लेकिन "क्या हो अगर आप पृथ्वी की सबसे गर्म जगह पर चले जाएं | क्या पृथ्वी की सबसे गर्म जगह पर जीवन संभव है? | Kya prithvi ki sabse garm jagah par jevan sambhao hai?"
डेथ वैली कैलिफोर्निया, अमेरिका
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क्या हो अगर आप पृथ्वी की सबसे गर्म जगह पर चले जाएं | क्या पृथ्वी की सबसे गर्म जगह पर जीवन संभव है? |
यहां इतनी गर्मी है कि आप ढंग से सांस भी नहीं ले सकते। ये नेशनल पार्क जो कि कैलिफोर्निया से लेकर नेवाडा तक फैला हुआ है, उसे अर्थ पर मौजूद नरक कहा जा सकता है। समुद्री स्तर से 86 मीटर (282 फीट) नीचे, ये नॉर्थ अमेरिका में सबसे निचला प्वाइंट है और इसे घेरने वाले पहाड़ बेहद गर्म हवा को एक अवन की तरह क़ैद कर लेते हैं। साल के पांच महीनों के लिए तापमान 48 डिग्री सेल्सियस (118 डिग्री फॉरेन्हाइट) जितना रहता है।
डेथ वैली में जन जीवन
आपको लगेगा कि यहां ज़िंदगी नामुमक़िन होगी। लेकिन डेथ वैली हमेशा मरी हुई नहीं रहती। ये स्प्रिंग यानी वसंत के वक़्त में हरी-भरी हो जाती है, जब रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं और थोड़े समय की झीलों से निचली ज़मीनें भर जाती हैं। और पार्क में आने वाले टूरिस्ट्स के अलावा लगभग 500 लोग हैं जो हमेशा यहां रहते हैं।
डेथ वैली में, आप जैसी ज़िंदगी को जानते हैं, ये उससे बहुत अलग है। ना सिर्फ़ गर्मी की वजह से बल्कि इसलिए भी कि यहां से कहीं भी जाना काफ़ी मुश्किल है। सबसे नज़दीकी हाई स्कूल और और शॉपिंग सेंटर एक घंटे की दूरी पर है।
यहां से सबसे नज़दीकी बड़ा शहर दो घंटे की ड्राइव के बाद आता है। और यहां आस- पास ना कोई डॉक्टर्स हैं, ना डेंटिस्ट्स, ना ही कोई रेस्टोरेंट्स। इसके बावजूद, या इसी वजह से डेथ वैली की कम्यूनिटी आपस में बहुत जुड़ी हुई है।
मनोरंजन का साधन नही है
काउ क्रीक कॉम्प्लेक्स में, यहां के 80 घरों के लोग एक ही जिम, एक प्लेग्राउंड, और एक ही लाइब्रेरी का इस्तेमाल करते हैं। और क्योंकि यहां अक्सर लोग साल के सबसे गर्म दिनों में नहीं आते ये लोग एक साथ काफ़ी सारा वक़्त बिताते हैं।
हालांकि डेथ वैली में मनोरंजन के लिए बहुत कुछ नहीं है, पर बाहर देखने के लिए बहुत कुछ है। मतलब आख़िरकार है तो ये एक नेशनल पार्क ही।
खुबसूरत है डेथ वैली
आप गर्मी में चटकते नमक के लाखों क्रिस्टल्स के छोटे धमाकों को सुन सकते हैं। शायद रंग-बिरंगे पहाड़ों के नज़ारों को देख सकते हैं, जिसका क्रेडिट जाता है पहाड़ में मौजूद क़ुदरती मेटल्स के ऑक्सिडेशन को।
आप पानी से भरी गुफ़ा में तैर सकते हैं और अगर आपकी क़िस्मत अच्छी हुई तो आपको एक डेविल्स होल पपफिश भी दिख सकती है। ये एक ख़ास मछली होती है जो यहां के गर्म पानी को सह सकती है। डेथ वैली में रहना सुनने में इतना बुरा नहीं लगता। मतलब इसके अलावा। गर्मी के हिसाब से ख़ुद को ढालने में थोड़ी मेहनत लगेगी।
जानलेवा है यहां का तापमान
जब हमारी बॉडी का तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस (107 डिग्री फॉरेन्हाइट) पर पहुंच जाता है, तो ये जानलेवा बन सकता है। इसे हाइपरथर्मिया कहते हैं, और इससे अंदरूनी अंगों में ख़राबी और आगे जाकर मौत भी हो सकती है। आपके नए घर के भयानक क्लाइमेट में आप आसानी से हाइपरथर्मिया का शिकार हो सकते हैं।
आपके लिए सबसे अच्छा होगा कि आप धीरे-धीरे आगे बढ़ें। सबसे पहले, सनग्लासेस ना भूलें, क्योंकि नमक से ढकी ये जगह सूरज की रोशनी में आपको अंधा कर सकती है। ध्यान रखें कि आपको सनस्क्रीन लगानी है और बचाव करने वाले कपड़े पहनने हैं। और दिन के गर्मी वाले घंटों में बाहर जाने से बचें, जो कि आमतौर पर शाम के 4 से लेकर 5:30 बजे तक होते हैं। अगर आप हाइपरथर्मिया से नहीं मरना चाहते, तो आपको इस रेगिस्तान पर पैर रखने से पहले ही तैयारी कर लेनी चाहिए।
डेथ वैली में जाने से पहले खुद को तैयार करें
एक गर्म क्लाइमेट में रहने की आपकी क़ाबिलियत ज़्यादातर इससे पता चलती है कि आपकी बॉडी का शेप और साइज़ क्या है। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मी सेल के मेटाबॉलिस्म का नतीजा होती है, तो बड़ी बॉडी और ज़्यादा सेल्स वाले जानवर आमतौर पर ज़्यादा गर्मी पैदा करते हैं।
कुछ किलो या पाउंड्स कम करना आपकी ज़्यादा जल्दी ढल पाने में मदद कर सकता है। ज़्यादातर लोग कुछ हफ्तों के बाद गर्मी के हिसाब से ढल पाते हैं। लेकिन आपको पूरी तरह से ढल पाने के लिए एक पूरे साल का वक़्त भी लग सकता है।
ऐसे पता चलेगा की आप तैयार हैं
इस प्वाइंट पर, आपके अंदर का तापमान कम हो चुका होगा और आपकी ख़ून की नलियां आपकी स्किन तक ख़ून का बहाव बढ़ा चुकी होंगी। आपको ज़्यादा पसीना भी आने लगेगा। जो कोई परेशानी की बात नहीं है। और जब आप 27 डिग्री सेल्सियस (80 डिग्री फॉरेन्हाइट) के तापमान पर स्वेटर पहनने लगेंगे, आपको पता लग जाएगा कि आप आप असल मायने में वहां के हिसाब से ढल चुके हैं। कम से कम गर्म मौसम के हिसाब से। सर्दी के महीनों में दिन का मैक्सिमम तापमान लगभग 15 डिग्री सेल्सियस (60 डिग्री फॉरेन्हाइट) होता है और रात का -1 डिग्री सेल्सियस (30 डिग्री फॉरेन्हाइट)।
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